बादी तथा खूनी बवासीर | लक्षण, कारण और होम्योपैथिक इलाज - Saralpathy

बादी तथा खूनी बवासीर | लक्षण, कारण और होम्योपैथिक इलाज

बादी तथा खूनी बवासीर | लक्षण, कारण और होम्योपैथिक इलाज-बवासीर के लिए होम्योपैथी में सबसे अधिक प्रयोग होने वाली दवाएं, बवासीर एक आम बीमारी है। बवासीर में मस्से
बवासीर के लिए टॉप - 13 होम्योपैथिक दवाएं
आज हम यहाँ बादी तथा खूनी बवासीर | बवासीर कितने प्रकार की होती है तथा बवासीर के लक्षण, कारण और होम्योपैथिक इलाज-बवासीर के लिए होम्योपैथी में सबसे अधिक प्रयोग होने वाली दवाएं तथा उनके प्रयोग से बवासीर का सफल इलाज । बवासीर के मस्सों का रामबाण इलाज , बिना ऑपरेशन के बवासीर से होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग करके कैसे छुटकारा पाएं आदि  यहाँ पर डिसकस करने वाले हैं।

eik admi apni apne anus ko dabate hue tatha bawaseer ka ilaz

बवासीर, बवासीर के लक्षण और कारण 
बवासीर एक आम बीमारी है। खानपान की गड़बड़ी, अनुवांशिकी अथवा गलत लाइफस्टाइल, ज्यादा देर तक कुर्सी बैठना अथवा ज्यादा देर तक सख्त चीजों पर बैठने से हो जाती है, जब किसी व्यक्ति को ज्यादा समय तक कब्ज की शिकायत बनी रहती है अथवा काफी देर तक टॉयलेट में समय बिताता है अथवा बैठता है तो यह भी इसका मुख्य कारण है। अगर बवासीर किसी व्यक्ति को हो जाए तो उसका इलाज जल्दी से जल्दी करना चाहिए अन्यथा स्वास्थ्य से संबंधित अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है बवासीर से रोगी को बैठने में बहुत तकलीफ होती है और उसमें बहुत दर्द रहता है।

बवासीर के प्रकार
बवासीर दो प्रकार की होती है
1. बादी बवासीर (एक्सटर्नल पाइल्स)
2. खूनी बवासीर (इंटरनल पाइल्स)

बादी बवासीर 
इस तरह की बवासीर में मस्से मलद्वार के बाहर या उसके चारों ओर होते हैं या यह मस्से मलद्वार के थोड़े अंदरूनी हिस्से में भी हो सकते हैं जो मल त्याग के समय बाहर निकल आते हैं इन मस्सों में मल त्याग के समय बहुत ही असहनीय दर्द और जलन होती है जब बवासीर का रोग बढ़ जाता है तो इन मस्सों में मल त्याग के समय के अलावा भी हर समय दर्द होता रहता है परंतु खून बिल्कुल नहीं आता है बवासीर यह मस्से अगर रोग नया हो तो यह गुहा के अंदर पुनः वापस चले जाते हैं पुराने रोग में यह मस्से सदैव गुहा के बाहर अथवा मलद्वार पर ही रहते हैं इस प्रकार की बवासीर बादी बवासीर या एक्सटर्नल पाइल्स कहते हैं

खूनी बवासीर 
जब लीवर की गड़बड़ी की वजह से अथवा अन्य कारणों से मलद्वार के पास अथवा भीतर की नसें  रक्त की अधिकता की वजह से फूल जाती है और जब इन शैलेश मिक्स शिराओं में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है यह फट जाती है और मलद्वार से खून निकलने लगता है जो खूनी बवासीर (इंटरनल पाइल्स) कहलाती है

बवासीर के लिए होम्योपैथी में सबसे अधिक प्रयोग होने वाली Top-13 दवाएं

1. एसीकुलस
जब किसी व्यक्ति को बवासीर हो अथवा बवासीर में मस्से हों तथा उसके साथ कमर और कूल्हे की हड्डी में दर्द रहता हो  जिसकी वजह से किसी काम में मन नहीं लगता है कब्ज होना अथवा कब्ज़  के साथ कांच का निकल आना और द्वार में जलन खुजली और सूखा करना कि इस तरह के छात्रों ने प्लस का प्रयोग करना चाहिए

2. नक्स वॉमिका
ऐसी बवासीर जिसमें लगातार पखाना जाने की इच्छा बनी रहे लेकिन का पाखाना पूरा खुलकर नहीं होता है तथा मलद्वार से खून निकलता हो और मलद्वार में खुजलाहट होती रहती है तो ऐसे रोगियों के लिए nux-vomica बहुत लाभदायक है।

3. सल्फर 
यह होम्योपैथिक दवा खूनी तथा बादी बवासीर दोनों में अधिकतर प्रयोग की जाने वाली दवा में से एक है। अगर रोगी की बवासीर में खुजलाहट तथा जलन के साथ दर्द रहे तो ऐसे रोगियों के लिए सल्फर का प्रयोग उचित माना जाता है।

5. हेमामेलिस 
बवासीर में यह दवा मुख्य, दवाओं के रूप में प्रयोग होती है इसका उपयोग अधिकतर खूनी बवासीर को कंट्रोल करने में किया जाता है। जब किसी रोगी को खूनी बवासीर के साथ में कमर के निचले भाग लोअर बैक पेन अधिक दर्द रहता है और बवासीर के मस्सों से खून और मवाद भी आए थे तो इस होम्योपैथिक दवा से बहुत लाभ मिलता है।

6. ग्रेफाइटस 
यह दवा बवासीर के ऐसे रोगियों के लिए लाभदायक है जिनका बवासीर पुराना है और उसके साथ मलद्वार भी भी फटा हुआ हो और उसमें खुजलाहट रहे तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए।

7. आर्सेनिक
जब बवासीर में अत्यधिक जलन के साथ में मस्सों का रंग नीला हो और मस्से बहुत फूले हुए हो और मस्सों से बहुत खून निकले तथा चलने फिरने में अत्यधिक तकलीफ हो तो यह दवा ज्यादा फायदा करती है।

8. म्यूरिटिक एसिड  
यह दवा बवासीर के लिए बहुत ही दुर्लभ केस में प्रयोग की जाती है जब बवासीर में बहुत ही ज्यादा दर्द हो और बवासीर के मस्सों को छुआ न जा सके और उसको जरा सा हाथ लगाने से अत्यधिक दर्द हो और मस्सों का रंग नीला या गुलाबी हो तो ऐसे केस में यह दवा प्रयुक्त की जाती है।

9. एलो
जब बवासीर के साथ सात मलद्वार के चारों ओर बहुत दर्द हो और मल त्याग के समय बवासीर में बहुत जलन हो तो इसके प्रयोग से बहुत फायदा होता है।

10. थूजा ऑक्सीडेंटलिस 
यह दवा मुख्य रूप से बवासीर के मस्सों के लिए प्रयोग की जाती है यदि बवासीर के मस्सों की संख्या बहुत अधिक हो अथवा वे आकार में बहुत बड़े-बड़े हो तथा उन से चिपचिपा सा पदार्थ निकलता हो और कभी कभी यह फटे हुए आकार में भी होते हैं तो ऐसी स्थिति में यह दवा बहुत ही ज्यादा प्रयोग में लाई जाती है और इससे शीघ्र फायदा होता है

11. कैलकेरिया फ्लोर 
यह दवा बवासीर के ऐसे रोगियों के लिए फायदेमंद है जिनको बवासीर के साथ-साथ मलद्वार की नसें फूल जाएं और वह कड़ी तथा कठोर हो जाएं और मल त्याग के समय गुदा या कांच बाहर निकल आए तो ऐसे रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक है।

12. रैटेनिया (Ratanhia)
यह दवा बवासीर तथा पाइल्स के उन रोगियों के लिए प्रयुक्त की जाती है जिनको बवासीर के साथ-साथ मलद्वार में कांच के टुकड़े के गड़ने की तरह दर्द तथा चुभन रहे और उन्हें अत्यधिक जलन हो और ऐसा प्रतीत हो जैसे किसी ने मिर्ची का पाउडर डाल दिया हो और रोगी को मल त्याग के समय बहुत ही असहनीय दर्द होता है तो बवासीर तथा पाइल्स के इस तरह के लक्षण रहने पर यह दवा प्रयुक्त की जाती है। इस दवा के मुख्य लक्षणों में मल त्याग के बाद से बवासीर में जलन शुरू होती है और कई घंटों तक रहती है।

13. कालिंसोनिया 
यह दवा जब बवासीर से लगातार खून बहता हो और ऐसा प्रतीत हो मानो मलद्वार में छूरा गड़ा हुआ है और बवासीर में अत्यधिक दर्द रहता हो इसमें रोगी को रात में अत्यधिक दर्द व तकलीफ रहती है।

Bottom Line
उपर्युक्त दे गई होम्योपैथिक दवाएं बवासीर के लिए अच्छा काम करते हैं तथा इनके प्रयोग से बवासीर का सफल इलाज किया जा सकता है तथा बवासीर को पूर्ण रूप से भी ठीक किया जा सकता है यह होम्योपैथिक दवाएं खूनी तथा बादी बवासीर दोनों के लिए काम करती हैं अगर किसी व्यक्ति को बवासीर हो गई हो या बवासीर की शुरुआत हो तो उस व्यक्ति को दी गई बवासीर की दवाओं में से किसी एक दवा का चुनाव करना चाहिए जो उस व्यक्ति तथा होम्योपैथिक दवा के लक्षणों का मेल खाती हो और एक निश्चित अंतराल तक बवासीर के लिए होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करना चाहिए यह होम्योपैथिक दवाएं नई तथा पुरानी बवासीर दोनों के लिए अच्छा काम करती हैं और बवासीर के रोगियों का होम्योपैथी से सफल इलाज किया जा चुका है
अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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