Top 5 Homeopathic दवाएं | ब्रोंकाइटिस (वायु नली प्रदाह) | लक्षण, रोकथाम और इलाज - Saralpathy

Top 5 Homeopathic दवाएं | ब्रोंकाइटिस (वायु नली प्रदाह) | लक्षण, रोकथाम और इलाज

ब्रोंकाइटिस (वायु नली प्रदाह)-यह बीमारी, छोटी और बड़ी सांस नालियों की सूजन या उनकी श्लेष्मिक झिल्ली में सूजन होने के कारण उत्पन्न होती है। ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस (वायु नली प्रदाह) - Treatment of Bronchitis with Homeopathy in Hindi
यह  बीमारी, छोटी और बड़ी सांस नालियों की सूजन या उनकी श्लेष्मिक झिल्ली में सूजन होने के कारण उत्पन्न होती है। ब्रोंकाइटिस की बीमारी किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकती है लेकिन यदि यह बीमारी बच्चों हो या  बूढ़ों को हो जाए तो उन्हें अधिक कठिनाई हो सकती है। यदि इस बीमारी का सही इलाज न हो तो यह धीरे-धीरे पुराना हो जाता है ब्रोंकाइटिस का इलाज बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए और इसमें लापरवाही बिल्कुल नही  करनी चाहिए नहीं तो इससे स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

एक डॉक्टर बच्चे का स्टेथोस्कोप(stethoscope) द्वारा फेफड़े से सम्बंधित बीमारी की जांच करता हुआ

ब्रोंकाइटिस (वायु नली प्रदाह) बीमारी होने के लक्षण और कारण 
श्वास लेने में तकलीफ होना, हल्का बुखार होना, आलस, सिरदर्द, गला बैठना, खांसी तथा बेचैनी इस बीमारी के लक्षण प्रकट होते है

ब्रोंकाइटिस बीमारी का होम्योपैथी में इलाज 
ब्रोंकाइटिस (वायु नली प्रदाह) के लिए होम्योपैथी में मुख्य रूप से निम्नलिखित दवाएं प्रयोग की जाती है

एकोनाइट नैप्पल्स
जब किसी रोगी को अचानक ठंड लगने के बाद तेज बुखार हो जाए, नाड़ी की गति तेज हो जाए तथा डर व बेचैनी हो और  ब्रोंकाइटिस का प्रभाव अधिक तथा रोगी का स्वभाव प्रसन्नचित्त रहता है और रोगी का स्वास्थ्य बिल्कुल सही होता है तो ऐसे व्यक्तियों के लिए एकोनाइट नैप्पल्स काफी उपयोगी है।

ब्रायोनिया एल्बा
अधिक तेज प्यास , बुखार व भूख तेज हो, मुंह बिल्कुल सूखा और होठ भी  सूखे हुए , जब रोगी खाँसता है तो उसके सिर और छाती में काफी तेज़ दर्द होता है इसलिए रोगी चुपचाप बिस्तर पर लेटा रहता है और रोगी को हिलने- डुलने में काफी दर्द हो जाता है तो ऐसे लोगों के लिए ब्रोंकाइटिस (वायु नली प्रदाह) बीमारी को ठीक करने के लिए होम्योपैथी में ब्रायोनिया एल्बा काफी लाभदायक है।

डल्कमारा
मौसम बदलने के साथ -साथ ब्रोंकाइटिस की बीमारी और रोगी को दिन में अधिक गर्मी और रात में अधिक ठंडक सताए तथा उसके साथ साथ रोगी को अधिक बेचैनी और रोग बढे तो ऐसे रोगियों के लिए ब्रोंकाइटिस बीमारी के लिए होम्योपैथिक दवा Dulkmara औषधि बहुत ही उपयोगी है।

सल्फर
ब्रोंकाइटिस की  बीमारी में जब कोई दवाई काम न कर रही हो तो और ब्रोंकाइटिस  का रोगी अधिक परेशान हो तो ऐसे रोगियों के लिए सल्फर का प्रयोग करना चाहिए सल्फर की प्रारंभिक शक्ति की एक खुराक देकर उसके परिणामों की प्रतीक्षा करनी चाहिए उसके बाद लक्षण के अनुसार रोगी को अन्य ऊपर बताई गयी दवाओं का प्रयोग करना चाहिए।

हिपर सल्फर
जब ब्रोंकाइटिस की  बीमारी जरा सी ठंड लगने से हो जाए और ठंड लगने से रोगी को और ठंड लगे और ठंड लगने से रोगी का  रोग बढ़ता हो और उसके साथ-साथ छाती में से घड़घड़ाहट की आवाज आए, नाक से रुकरुक कर स्त्राव बहे तो ऐसे लोगों के लिए ब्रोंकाइटिस के लिए होम्योपैथिक दवा हिपर सल्फर काफी फायदेमंद है।

पल्सेटिला
यदि  ब्रोंकाइटिस की  बीमारी बढ़ती जाये और उसके साथ बलग़म जकड़ा हुआ हो और उसका रंग पीला हो , रोगी को खुली हवा में काफी अच्छा महसूस हो और मुंह का स्वाद न हो और प्यास भी बिलकुल न हो तो  ऐसे लोगों के लिए इस बीमारी के लिए होम्योपैथिक दवा पल्सेटिला काफी फायदेमंद है।

ब्रोंकाइटिस की  बीमारी के लिए अन्य दवाएं
ब्रोंकाइटिस की  बीमारी में उपर्युक्त दवाओं के अलावा भी kali sulph 6X Ferrum Phos 6x TuberClainum, Antimonium Crud , Carboveg भी फैयदेमंद हैं।
अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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