पुरुषों में High Testosterone और Low Testosterone होने से क्या असर पड़ता है? - Saralpathy

पुरुषों में High Testosterone और Low Testosterone होने से क्या असर पड़ता है?

टेस्टोस्टेरोन मानसिक तनाव, मानसिक स्थिति, स्तंभन शक्ति और शरीर की मांसपेशियों के विकास में भी भूमिका निभाता है। इसकी स्तर की कमी पुरुषों में नपुंसकता,

 

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टेस्टोस्टेरोन क्या है ? | What is Testosterone in Hindi

पुरुषों के शरीर में पाए जाने वाले सेक्स हार्मोन को टेस्टोस्टेरोन कहा जाता है टेस्टोस्टेरोन एक प्रमुख पुरुष हार्मोन है जो मुख्य रूप से लिंगात्मक विकास और लैंगिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक स्टेरॉयड हार्मोन होता है जो अंडकोषों में उत्पादित होता है और नाभि के नीचे की एक ग्रंथि से हो कर गुजरता है।


टेस्टोस्टेरोन मानसिक तनाव, मानसिक स्थिति, स्तंभन शक्ति और शरीर की मांसपेशियों के विकास में भी भूमिका निभाता है। इसकी स्तर की कमी पुरुषों में नपुंसकता, शीघ्रपतन और शरीर की कमजोरी जैसी समस्याओं से जुड़ी हो सकती है।

टेस्टोस्टेरोन के स्तर को जांचने के लिए, डॉक्टर रक्त परीक्षण करते हैं जिससे हार्मोन के स्तर का पता लगाया जा सकता है। कुछ दवाइयां और सुधार के उपाय टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गड़बड़ी से होने वाली समस्याएं-

टेस्टोस्टेरोन की उच्च या निम्न स्तर को संतुलित रखना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे पुरुषों के लिए कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

टेस्टोस्टेरोन का स्तर असामान्य होने पर पुरुषों में अत्यधिक तनाव, सुस्ती, अतिरिक्त मांसपेशियों का विकास, बालों का झड़ना, पुरुषत्व में बदलाव और शीघ्रपतन , नपुंसकता, सुस्ती, थकान, मानसिक तनाव और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं का बन सकता है। उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर और अधिक से अधिक उपयोग से शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन उत्पन्न हो सकता है, जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर काफी असर डालता है। निम्नलिखित तरीकों से टेस्टोस्टेरोन स्तर के उतार चढ़ाव से पुरुषों पर असर पड़ सकता है:

कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षण | Low Testosterone Symptoms

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर कम होने से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इस प्रकार असर डाल सकता है। कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों को निम्नलिखित तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है:

शारीरिक स्वास्थ्य: टेस्टोस्टेरोन स्तर कम होने से पुरुषों में स्तंभन दोष (erectile dysfunction), कमजोर मांसपेशियां, कमजोर हड्डियां, निम्न शुक्राणु मात्रा और शुक्राणु की गति में कमी हो सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों में अक्सर आलस्य, उदासी, चिंता, नींद नहीं आना, तनाव और दुर्बलता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

नपुंसकता: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों को नपुंसकता का सामना करना पड़ सकता है। इससे उनमें शरीर की मांसपेशियों का कमजोर होना, स्तंभन दोष या नपुंसकता हो सकती है।

इरेक्शन की समस्या: टेस्टोस्टेरोन सेक्स ड्राइव और इरेक्शन की अवधि पर भी असर डालता है। कम टेस्टोस्टेरोन स्तर इन मामलों में समस्या उत्पन्न कर सकता है।

स्तंभन दोष: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों को स्तंभन दोष (erectile dysfunction) का सामना करना पड़ सकता है। इससे उनमें सेक्सुअल संबंधों से जुड़ी समस्याएं जैसे कि कम इच्छा या कम ताकत के लिए बढ़ जाती है। कम टेस्टोस्टेरोन स्तर के कारण संभोग से संबंधित समस्याएं अनुभव कर सकते हैं। संभोग के दौरान उत्तेजित नहीं होने की समस्या हो सकती है।

बालों का झड़ना: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से ग्रस्त पुरुषों में बालों का झड़ना शुरू हो सकता है। कम टेस्टोस्टेरोन स्तर बालों में रूखापन पैदा कर सकता है जोकि बालों के झड़ने का कारण बन सकता है।

वजन बढ़ना: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से ग्रस्त पुरुषों में वजन बढ़ने के सम्भावना होती है।

मूड स्विंग्स: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों में मूड स्विंग्स होने की संभावना होती है। यह उनके भाव-विकारों, उदासी या उत्साह की कमी जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

शरीर की संरचना: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों में शरीर की संरचना पर असर पड़ता है। इससे उनमें मांसपेशियों का कमजोर होना और स्थूल शरीर के अतिरिक्त वजन का विकास हो सकता है।

थकान: टेस्टोस्टेरोन के कम होने से थकान और कम ऊर्जा का अनुभव हो सकता है।

मनोवृत्ति में बदलाव: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर दिमाग की कार्यक्षमता, ध्यान, याददाश्त, उत्साह और मनोवृत्ति में बदलाव ला सकता है।

शरीर में मांसपेशियों का कम होना: टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करता है जो कम होने से शरीर के तंत्र में थकावट और मांसपेशियों के कमजोर होने का अनुभव हो सकता है।

ओस्टियोपोरोसिस: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर ओस्टियोपोरोसिस का एक मुख्य कारक बन सकता है। कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से ग्रस्त पुरुषों में ओस्टियोपोरोसिस के जोखिम बढ़ जाते हैं। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें हड्डियों की क्षमता और ढीलापन बढ़ जाते हैं।

दिल की समस्याएं: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर दिल की समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है। उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को कम कर सकता है।

कम शक्ति या थकान: कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से ग्रस्त पुरुषों में शारीरिक क्षमता और स्थायित्व कम हो सकता है। वे थकान महसूस करते हैं और लंबी दूरी तक दौड़ नहीं कर पाते हैं।

अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन स्तर कम हो रहा है तो डॉक्टर से सलाह लेना अति आवश्यक है। वे आपको जाँच करके टेस्टोस्टेरोन स्तर का मापन कर सकते हैं और उपचार की सलाह दे सकते हैं।

ज्यादा टेस्टोस्टेरोन के लक्षण | High Testosterone Symptoms

पुरुषों में उच्च स्तर के टेस्टोस्टेरोन से उनके शारीरिक विकास, मूड, व्यवहार और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर ज्यादा होने से पुरुषों में निम्नलिखित असर हो सकते हैं-

शारीरिक स्वास्थ्य: उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों में अतिरिक्त मांसपेशियों, अतिरिक्त शरीर के बाल, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

मानसिक स्वास्थ्य: अतिरिक्त टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों में अधिक आत्मविश्वास, स्वयंसेवा और सकारात्मक विचार की संभावना होती है। यह उन्हें सफलता की ओर उकसाने और उनके व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर सकता है।

मुख्य लक्षणों में वृद्धि: उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर के कारण पुरुषों के मुख्य लक्षण, जैसे बालों का विकास, मांसपेशियों के विकास में वृद्धि हो सकती है।

व्यवहार में परिवर्तन: ऊंचे टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुष अधिक आक्रामक और प्रतिस्पर्धात्मक हो सकते हैं, जो अधिक नकारात्मक व्यवहार के रूप में व्यक्त हो सकता है।

अतिरिक्त अग्रेसिविटी: उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों में अतिरिक्त अग्रेसिविटी होती है जो उन्हें दूसरों के साथ झड़प करने के लिए तैयार कर सकती है।

मूड में बदलाव: ऊंचे टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों के मूड में बदलाव हो सकता है। वे अधिक आत्मविश्वास और सकारात्मक विचार की संभावना रखते हैं।

सेक्स ड्राइव: ऊंचे टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों के सेक्स ड्राइव में बदलाव हो सकता है। यह उनकी यौन इच्छा और कामशक्ति को बढ़ा सकता है।

अत्यधिक स्तंभन शक्ति: उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों में अत्यधिक स्तंभन शक्ति (more erectile power) हो सकती है जो उन्हें दूसरों के साथ सेक्स के लिए अनुचित रूप से समस्या का कारण बन सकती है।

अस्थिमज्जा स्वस्थता: ऊंचे टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों की अस्थिमज्जा स्वस्थता पर असर पड़ सकता है। यह उनकी हड्डियों की घनत्व बढ़ा सकता है, जो उन्हें टूटने से बचा सकता है।

रक्त चाप: उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों के रक्तचाप पर असर पड़ सकता है। इससे उनके रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है, जो उन्हें हृदय रोगों जैसे उच्च रक्तचाप से ग्रस्त होने की संभावना को बढ़ा सकती है।

अंडकोष की आकार: ऊंचे टेस्टोस्टेरोन स्तर से पुरुषों के अंडकोष की आकार में वृद्धि हो सकती है, जो इन्हें आंतरिक समस्याओं जैसे आंतरिक दर्द का सामना करना पड़ सकता है।

टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित रखने के लिए, स्वस्थ आहार और व्यायाम जैसी अनेक तरीके होते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, वे शामिल होते हैं – अंडे, शाकाहारी विकल्प जैसे सोयाबीन, अखरोट, केला, खजूर, सूरजमुखी के बीज और खाजू। अन्य आहार जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं वे हैं – लहसुन, गुड़, जीरा, हल्दी और गुग्गुल।

इसके अलावा, स्वस्थ व्यायाम करना भी टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। वजन उठाने वाले व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियां टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।

यदि आप लगातार टेस्टोस्टेरोन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपके लिए सही उपचार प्रदान कर सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए सही होंगे।

अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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