फोड़े का इलाज | फोड़ा सुखाने की Top 5 होम्योपैथिक दवाएं - Saralpathy

फोड़े का इलाज | फोड़ा सुखाने की Top 5 होम्योपैथिक दवाएं

फोड़े का इलाज(fode ka ilaj) - फोड़ा सुखाने के लिए Top 5 होम्योपैथिक दवाएं (Phoda Sukhane Ki Dawa) - फोड़ा-फुंसी का होम्योपैथिक इलाज तथा फोड़ा के उपचार
आज हम यहाँ पर त्वचा से सम्बंधित सामान्य बीमारी फोड़े का इलाज(fode ka ilaj) और  फोड़ा सुखाने के लिए प्रयोग की जाने वाली Top 5 होम्योपैथिक दवाएं(Phoda Sukhane Ki Dawa औ र Abscess का होम्योपैथिक उपचार) - फोड़ा फुंसी का होम्योपैथिक इलाज के बारे में जानेंगे, फोड़े तथा फुंसियां अक्सर हमारे पेट की गड़बड़ी और लिवर की गर्मी वजह से हमरे शरीर के किसी भी स्थान पर उपन्न हो सकते हैं जिसका मुख्य कारण Staphylococcus (Staph) नाम का एक बैक्टीरिया होता है

a boil on Shoulder

फोड़े के लिए टॉप फाइव होम्योपैथिक दवाएं [Homeopathic Treatment of a Boil/ Abscess in Hindi]

शरीर में अगर किसी स्थान पर फोड़ा निकलता है तो यह बहुत ही तकलीफ दे होता है फोड़ा निकलने के साथ-साथ कई लोगों को बुखार भी हो जाता है यह फोड़ा शरीर में किसी भी स्थान पर हो सकता है फोड़ा शरीर में अधिकतर बाहरी स्थान पर त्वचा के ऊपरी भाग पर निकलते हैं और यदि यही फोड़े शरीर के अंदरूनी भाग में अंदर की ओर निकले तो यह बहुत ही मुश्किल हो जाता है एलोपैथी में फोड़ा को ठीक करने के लिए अधिकतर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है जिससे फोड़ा बैठ जाता है अन्यथा जब यह फोड़ा एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक नहीं होता है तो एलोपैथिक डॉक्टर फोड़ा को ठीक करने के लिए ऑपरेशन की सलाह देते हैं आज मैं आप लोगों को कुछ ऐसी सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक दवाओं के बारे में बताने जा रहा हूं जिनके मात्र कुछ दिनों तक प्रयोग करने से ही फोड़ा सुख जाता है और फोड़े में शीघ्र लाभ मिलता है जिससे ऑपरेशन तथा गर्म एलोपैथिक दवाओं से भी बचा जा सकता है 

हिपर सल्फर [होम्योपैथी में फोड़ा सुखाने की नं.1 दवा]
फोड़ा के उपचार के लिए हिपर सल्फर का उपयोग होम्योपैथी में प्रमुख रूप से किया जाता है इस औषधि को फोड़ा सुखाने तथा बैठाने, दोनों के लिए किया है जब किसी व्यक्ति को शरीर के किसी भी स्थान पर फोड़ा निकल आए और उस में बहुत ज्यादा टपक का दर्द रहे और रोगी उस पर हाथ लगाने अथवा छूने तक भी नहीं देता है और इस फोड़े में मवाद बनने की क्रिया प्रारंभ होने वाली है परंतु अभी तक मवाद पैदा नहीं हुआ है तो ऐसे फोड़े को सुखाने की होम्योपैथी में मुख्य दवा हिपर सल्फर ही है और हिपर सल्फर की 200 नंबर या और भी हाई पावर की दवा प्रयोग करने पर प्रायः फोड़ा सूख जाता है, और जब ऐसा प्रतीत हो कि मानो उस फोड़े में पीब बनना शुरू हो गई है और वह पीब फोड़े में बहुत नीचे की ओर है तो ऐसी ही स्थिति में पीब को ऊपर लाने के लिए हिपर सल्फर की कम पावर की दवाई का प्रयोग करना चाहिए जिससे फोड़ा फट जाता है और फोड़े से शीघ्र लाभ मिलता है

बेलाडोना [होम्योपैथी में फोड़ा सुखाने की नं.2 दवा]
फोड़े की प्रथम अवस्था के लिए इस होम्योपैथिक दवा का उपयोग किया जाता है जब फोड़े की शुरुआत हो और छोटी-छोटी फुंसियां बनना शुरू हो तथा उत्भेद निकलने वाली जगह अथवा दानों का रंग लाल और उसके साथ में जलन, असहनीय तनाव व दर्द हो तो इस प्रकार की फोड़ा फुंसियों से छुटकारा पाने के लिए बेलाडोना से शीघ्र लाभ होता है

मरक्यूरियस साल [होम्योपैथी में फोड़ा सुखाने की नं.3 दवा]
जब किसी रोगी के फोड़े में मवाद पैदा होना अथवा बनना शुरू हो जाए और उस फोड़े में मवाद बने हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है तो यह होम्योपैथिक दवा उस फोड़े को बड़ा करके पका देती है जिससे  फोड़ा फट जाता है मरक्यूरियस साल औषधि की दूसरी विशेषता यह भी है की फोड़े में पीब पैदा होने से पहले प्रयोग करने पर उस फोड़े में पीब पैदा होने नहीं देती है और फोड़ा सूख जाता है

साइलीशिया अथवा साइलिसिया [होम्योपैथी में फोड़ा सुखाने की नं.4 दवा]
ऐसा फोड़ा जिसमें मवाद भरा हो और वह फोड़ा सुख़ नहीं रहा हो और उस फोड़ा का मवाद पतला बिल्कुल पानी की तरह हो जिसमें खून की भी कुछ मात्रा रहती है और उस फोड़े से अजीब सी दुर्गंध व बदबू आती है तो फोड़े के इस प्रकार के लक्षण रहने पर इस होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करने से फोड़ा सूख जाता है, अगर थोड़ा सूखने के बाद शरीर के उस स्थान पर बहुत दिनों तक कड़ापन बना रहे तो साइलीशिया के प्रयोग से लाभ होता है

Note: हिपर तथा साइलीशिया दोनों होम्योपैथिक औषधियों का प्रयोग फोड़े के मवाद को रोकने तथा सुखाने के लिए किया जाता है परंतु इन दोनों होम्योपैथिक औषधियों में अंतर यह  है कि  हिपर सल्फर का मवाद गाढ़ा होता है जबकि साइलीशिया का मवाद खून मिला हुआ पानी की तरह होता है

कैल्केरिया सल्फ[होम्योपैथी में फोड़ा सुखाने की नं.5 दवा]
होम्योपैथी में फोड़े को ठीक करके सुखाने के लिए इस दवा का भी प्रमुख स्थान है इस दवा का मुख्य लक्षण यह है किसी रोगी के फोड़े में हिपर सल्फर और मरक्यूरियस साल की तरह इस दवा का प्रयोग करने पर उस फोड़े में मवाद पैदा नहीं होता क्योंकि इस औषधि में मवाद पैदा करने की ताकत नहीं होती है, कैल्केरिया सल्फ का प्रयोग फोड़े की ऐसी स्थिति में करना चाहिए जब उस फोड़े में मवाद पैदा हो गया हो और उसके के मुंह से मवाद बह रहा हो

पल्सेटिला
जब किसी रोगी का फोड़ा खूब पककर उसमें मवाद इकट्ठी हो गई हो और वह फट न रहा तो पल्सेटिला की मदर टिंक्चर का प्रयोग करने से वह फट उससे मवाद निकल जाता है और शीघ्र सूख जाता है


फोड़ा सुखाने की होम्योपैथी की अन्य दवाएं
होम्योपैथी में फोड़े के इलाज तथा ठीक कर सुखाने के लिए उपर्युक्त होम्योपैथिक दवाओं के अलावा आर्सेनिक  सल्फर तथा अर्निका का भी प्रयोग किया जाता है सल्फर का प्रयोग ऐसे व्यक्तियों के लिए करना चाहिए जिनको फोड़े फुंसियां बार-बार हो जाती हो और आर्सेनिक  का प्रयोग फोड़े की जलन को कम करने के लिए तथा रोगी की बेचैनी को दूर करने के लिए किया जाता है और अर्निका का प्रयोग तब करें जब छोटे-छोटे फोड़े फुंसियां एक पास झुंड के रूप में और उनमें अधिकतर है दर्द रहता है
अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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