दाद [फंगल इंफेक्शन] के लिए होमियोपैथी में है बेहतर इलाज - Saralpathy

दाद [फंगल इंफेक्शन] के लिए होमियोपैथी में है बेहतर इलाज

वैसीलिनम 200, 1M होम्योपैथी में वैसीलिनम, दाद के लिए मुख्य औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है और अधिकतर होम्योपैथ दाद के लिए इस होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करते हैं
जब कभी दाद अथवा फंगल इन्फेक्शन होता है तो हम अक्सर बाहरी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं जिससे दाद कुछ समय के लिए ठीक हो जाता है, त्वचा पर लगाने वाली क्रीम अथवा बाहरी दवाओं का का प्रभाव कुछ दिनों के लिए ही होता है जिससे फंगल इंफेक्शन कुछ दिनों के लिए गायब हो जाता है तथा बाद में यह दोबारा भी हो जाता है,

दाद [फंगल इंफेक्शन] के लिए होमियोपैथी इलाज


एलोपैथी फंगल इन्फेक्शन के लिए जो दवाएं इंटरनली इस्तेमाल करते हैं वह बहुत ही गर्म होती है जिससे इन दवाओं का हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है परंतु इसके विपरीत यदि हम दाद, खाज, खुजली, अकौता, एक्जिमा, एक्जिमा आदि के लिए होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो इन दवाओं से हमारा फंगल इन्फेक्शन न कि जल्द ठीक होता है बल्कि दोबारा होने की संभावना भी न के बराबर होती है



लक्षणों के अनुसार होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल करके दाद खाज खुजली तथा फंगल इंफेक्शन से हमें जल्द आराम मिल जाता है और इन होम्योपैथिक दवाओं इस्तेमाल करने से इनका हमारे शरीर पर भी किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं होता है

तो आइए चलते हैं और पता करते हैं कि वह कौन-कौन सी होम्योपैथी में दवाएं हैं जिनके मात्र कुछ दिनों के उपयोग से पुराना से पुराना तथा फैलने वाला दाद और मंगल इन्फेक्शन को रोका जा सकता है


वैसीलिनम 200, 1M 
होम्योपैथी में वैसीलिनम, दाद के लिए मुख्य औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है और अधिकतर होम्योपैथ दाद के लिए इस होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करते हैं इस दवा की सदैव कुछ शक्ति का प्रयोग करना चाहिए जब दाद खाज खुजली में होमियोपैथी की अन्य दवाएं फेल हो जाती हैं और दाद किसी तरह ठीक नहीं हो रहा होता है तो यह दवा काम कर जाती है 

टैल्यूरियम
शरीर में किसी भी स्थान पर दाद होने पर चाहे वह चेहरे का दाद हो , जनांग में हो , हांथों - पैरों में हो , गर्दन में हो , दाढ़ी - मूँछ अथवा सिर में हो यह दवा फ़ायदा पहुँचाती है । टैल्यूरियम के दाद में बहुत ही खुजलाहट रहती है टैल्यूरियम औषधि अधिक दिनों तक उपयोग करने से ठीक हो जाता है , अगर दाद  कान के पीछे अथवा सिर के पीछे हो और एग्जिमा तथा एग्जिमा के गोलाकार चकत्ते हों तो यह दवा  फ़ायदा करती है

सल्फर
सफर को होमियोपैथी में सोरा-दोष नाशक के रूप में प्रयोग  किया जाता है और चर्म और मनुष्य की त्वचा पर इसकी प्रधान क्रिया होती है अतः दाद खाज खुजली में प्रयोग होने वाली दवाओं में इस दवा का मुख्य स्थान है , रोगी की खुजली और दाद का प्रभाव गर्मी में बढ़ जाता है और ठंड से घटता है  और रोगी की त्वचा गन्दी मालूम पड़ती है और उनमे में एसीडिटी अधिक बनती हो तो ऐसे लक्षणों में इस दवा का प्रयोग करना चाहिए

रस - टॉक्स
जब दाद में अत्यधिक खुजलाहट रहती हो इस होम्योपैथिक दवा का उपयोग करना चाहिए

सीपिया
अंगूठी की तरह गोल आकर वाले दाद के लिए इस होम्योपैथिक दवा का प्रयोग होता है 
अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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