दांतों की अनेक समस्याओं के लिए होम्योपैथी है बेहतर विकल्प - Saralpathy

दांतों की अनेक समस्याओं के लिए होम्योपैथी है बेहतर विकल्प

दांत दर्द की होम्योपैथिक दवा - होमियोपैथी में दांतो के रोग जैसे दांत का दर्द ,दांतो से खून आना , दंत क्षय (कैविटी ऑफ़ टीथ), मसूड़ों के रोग ,मसूड़ों का फोड़ा, पायरिया का हो जाना का आदि के बहुत ही उपयोगी दवाएं मौजूद हैं जिनका प्रयोग दांतों कि समस्याओं के लिए किया जा सकता है।
दांत दर्द की होम्योपैथिक दवा

होमियोपैथी  में दांतो के रोग जैसे दांत का दर्द ,दांतो से खून आना , दंत क्षय (कैविटी ऑफ़ टीथ),  मसूड़ों के रोग ,मसूड़ों  का फोड़ा, पायरिया का हो जाना का आदि के बहुत ही उपयोगी दवाएं मौजूद हैं जिनका प्रयोग दांतों कि समस्याओं के लिए किया जा सकता है।

dant dard ki homeopathic dawa

आजकल गलत खानपान, दौड़-भाग भरी ज़िन्दगी, हमारे भोजन में आवश्यक तत्व, खनिज लवण व विटामिंस का प्रचुर मात्रा में न होना और दांतो की सही देखभाल न करना, दांतों की समस्या बनता जा रहा है, हमारे दांतों में समस्याएं पेट की गड़बड़ी , सर्दी लग जाना , सेक्स सम्बन्धी समस्या होना , गर्म पेय के बाद तुरंत ठंडा पानी पी लेना, दांतों में गंदगी जमा होना और दांतों में चोट लगने से भी दांतों में अनेको प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।



हर मनुष्य अपने जीवन में कभी न कभी दांतों की समस्याओं से अवश्य जूझता है  विश्व में सबसे अधिक पाए जाने वाले रोगों में दांत  के  रोग से ग्रषित लोगों की दुनिया में कमी नहीं है इसलिए एलोपैथी में डेंटिस्ट्री पूर्ण रूप से एक  अलग  शाखा  है।

दांत के रोगों और समस्यांओ को कभी नजर अंदाज नही करना चाहिए होमियोपैथी में दांत के रोगो और समस्याओं के लिए बहुत बढ़िया दवाएं मौजूद हैं और होमियोपैथी की मात्र कुछ खुराक के प्रयोग से शीघ्र लाभ पहुँचता है।

पायोरिया
जब किसी व्यक्ति को अक्सर दांतो की समस्या शिकायत रहती है तथा दंत रोगों का उपयुक्त इलाज नहीं हो पाता है और अधिक दिनों में दांतो में दर्द और मसूढ़ों के रोग भोगता रहता है तो ऐसे रोगियों के मसूड़ों के घाव पुराने पड़ जाते हैं गांव पुराने हो जाने पर उन में दर्द तो नहीं होता है परंतु मसूड़ों से मवाद तथा खून निकलता रहता है व्यक्ति के मुंह से दुर्गंध आने लगती है और कभी-कभी यह दुर्गंध इतनी ज्यादा हो जाती है कि आसपास बैठने वाले लोगों को भी इस दुर्गंध से परेशानी होती है

तो आइए जान लेते हैं कि होमियोपैथी कौन - कौन दवाएं हैं जो दांत कि समस्याओं और लक्षणों के अनुसार प्रयोग में लायी जा सकती हैं।

मर्क साल
जब किसी व्यक्ति के मसूड़ों से खून आने की शिकायत हो और वह व्यक्ति ठंडा तथा तथा गर्म पानी भी न सके 1 साल का प्रयोग करें

आर्सेनिक एल्बम
अगर किसी रोगी के मसूड़ों से खून आए और जलन भी रहे तो और सैनिक एल्बम दवा फायदा करती है

हिपर सल्फर
अगर किसी व्यक्ति के मसूड़े में थोड़ा बन जाए जिसका रंग सफेद हो और उसमें मवाद भरा हुआ हो या फिर मवाद निकलता हो तो ऐसे व्यक्तियों के लिए हिपर सल्फर की उच्च पावर की दवा से अत्यधिक लाभ पहुंचता है

साईलिसिया
जब मसूड़ों में अधिक दिनों से मवाद जमा हुआ हो और वह बहुत पुराना हो गया हो तो साईलिसिया का प्रयोग करें

कार्बो वेज
जब किसी व्यक्ति के दातों में पायोरिया की शिकायत हो जाए और उस व्यक्ति के मसूड़ों से खून और बदबू आए या फिर केवल खून ही निकलता हो तो ऐसे लक्षणों पर होम्योपैथिक दवा कार्बो वेज से फायदा पहुंचता है

पायोरिया
पायोरिया में प्रयुक्त होने वाली होम्योपैथिक की मुख्य दवा के रूप में इस औषधि का प्रयोग किया जाता है

साईलिसिया
जब किसी को पायोरिया की शिकायत के साथ मसूड़ों में सूजन रहे, साईलिसिया का प्रयोग करें

क्रियोजोट
पायोरिया की बीमारी की बीमारी होने पर जब किसी व्यक्ति के दांतों में सड़न के साथ गंदा खून निकले और मुंह से अत्यधिक बदबू आए, ऐसी स्थिति में होम्योपैथिक दवा क्रियोजोट का प्रयोग करना चाहिए

बैप्टीशिया
जब दांतो और मसूढ़ों की बीमारी अधिक दिनों तक भोगने के बाद काले पड़ गए हों, मुंह से बदबू के साथ लार निकलती हो और कभी - कभार मसूढ़ों से खून आने की समस्या बानी रहती हो तो इसके लिए होम्योपैथिक दवा बैप्टीशिया का प्रयोग करें

एसिड फ़्लोर
अगर दांतों  अथवा मसूढ़ों में  फोड़ा हो जाये और नासूर की शकल अख्तियार कर ले तथा  इसमें डेंटन की जड़ में हड्डी तक यह रोग पहुँच जाता है. दांतों से गन्दा मवाद निकलता रहता है जिसकी वजह से मुँह से अत्यधिक सदी दुर्गन्ध आती है. दांतों इस इस बायोकेमिक औषधि को लगभग 2 - 3 महीने तक इस्तेमाल से रोग आरोग्य हो जाता है.

कैलकेरिया फ्लोर
जब किसी व्यक्ति के दांतों में दर्द बना रहता रहता हो और दांतो के जड़े ढीली पड़ गई हों, दांतों में जरा सा हाँथ लगने से असहनीय दर्द होने लगे , दांतों में कैल्शियम की कमी हो जिससे दांतो की कमजोरी , दांत पर मैल व  पीले पड़ जाएँ

दन्त क्षय

स्टेफिसेग्रिया
दांतो में सड़न पैदा हो जाने इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है दातों में जल्दी-जल्दी कीड़ा लगने की शिकायत हो या फिर कीड़े दांतो को खा गए हो जिससे दांतों में काले काले निशान पड़ जाते हैं, मसूड़े फुले हुए हो, दांतों में सेंसिटिविटी की समस्या रहे, खाने-पीने में  अधिक परेशानी के साथ दर्द रहे या फिर मसूढ़ों से खून आये तो ऐसी समस्या के लिए होम्योपैथिक दवा स्टेफिसेग्रिया से लाभ पहुँचता है

हेक्ला लावा
यह होम्योपैथिक दवा दांत तथा मसूड़ों की बीमारी के लिए अत्याधिक फायदेमंद है, मसूड़ों में फोड़ा नासूर कीड़ा लगना या फिर घाव का हो जाना, मसूड़े की हड्डी का घाव जिससे पूरे मुंह में जोर का दर्द मसूड़ों के चारों ओर सूजन के साथ दर्द का होना, किसी व्यक्ति के दांत निकलवाने के बाद दांत में रह गई हड्डी में दर्द का होना, बच्चों के दांतों की बीमारी, आदि लक्षण रहे पर यह होम्योपैथिक दवा हेक्ला लावा बढ़िया काम करती है

चाइना
जब दांतो को थोड़ा सा स्पर्श करने से उनमें अत्याधिक दर्द होती हो जिससे रोगी हाथ से अपना गाल दबा लेता है और उसे थोड़ा आराम का अनुभव होता है होम्योपैथिक दवा चाइना फायदा करती है

काफिया
जब दातों के दर्द से रोगी अधिक परेशान हो और मुंह में ठंडा पानी रखने से आराम मिले तो ऐसे लक्षण देने पर होम्योपैथिक दवा काफिया का प्रयोग करें

कैमोमिला
गर्म चाय , काफी अथवा गर्म चीजों के प्रयोग से दांतों का दर्द बढ़ जाता हो तो उस समय कैमोमिला का प्रयोग करें

कैलकेरिया फ्लोर
जब किसी व्यक्ति के दांतों में दर्द बना रहता रहता हो और दांतो के जड़े ढीली पड़ गई हों, दांतों में जरा सा हाँथ लगने से असहनीय दर्द होने लगे

प्लेंटेगो
दांत में दर्द से सम्बंधित समस्या से छुटकारा पाने के लिए होमियोपैथी प्लेंटेगोबहुत असर कारक  दवा है। और इसे दांतों के दर्द के लिए होम्योपैथ अक्सर इस्तेमाल करते हैं ,  प्लेंटेगो को  खाने के साथ - साथ दांतों पर लगाने के लिए किया जा सकता है।

अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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