पीलिया रोग में जादू की तरह काम करती हैं ये होम्योपैथिक दवाइयां
पीलिया / कामला रोग का होम्योपैथिक इलाज / उपचार Homeopathic Treatment of Jaundice in Hindi - चेलिडोनियम मेजस
पीलिया रोग में होम्योपैथी की यह एक असर कारक दवा है। जब किसी व्यक्ति को पीलिया के साथ-साथ लीवर
पीलिया / कामला रोग का होम्योपैथिक इलाज / उपचार Homeopathic Treatment of Jaundice in Hindi
पीलिया तथा उसके लक्षण
जब यकृत तथा जिगर में गड़बड़ी पैदा होती है तो पीलिया रोग हो जाता है। हमारे शरीर के महत्वपूर्ण पाचन तंत्र अंग यकृत अथवा जिगर में गड़बड़ी होने से हमारे शरीर में उपस्थित पित्त (Bile) पूर्ण रूप से अपने कार्य नहीं कर पाता जिससे पित्त (Bile) से निकलने वाला एक प्रकार का हानिकारक पदार्थ (Serum Bilirubin) खून में अधिक मात्रा में प्रवेश करने लगता है जिससे हमारे त्वचा का रंग पीला तथा उसके साथ आंखे, नाखून, पेशाब का रंग इत्यादि भी पीले हो जाते हैं। पाचन तंत्र तथा लीवर को खाना पचाने के लिए सामान्य से अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे हमारा लीवर धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है। लीवर बड़ा और कड़ा हो जाता है और रोगी धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है।
पीलिया के लिए टॉप होम्योपैथिक दवाएं
आज लगभग पूरे विश्व तथा सभी को यह पता हो गया है कि शरीर के विभिन्न रोगों के लिए होम्योपैथी एक आसान, बेहतर तथा टिकाऊ विकल्प है। पीलिया एक गंभीर रोग है जिसका एलोपैथी में इलाज करने में अधिक समय लग सकता है। इसलिए लोग पीलिया के रोग के इलाज हेतु आयुर्वेदिक उपचार या होम्योपैथी की तरफ रुख करते हैं। पीलिया रोग में होम्योपैथी से बेहतर निदान शयद ही उपलब्ध होगा। इसमें पीलिया के मरीजों को दिन दूनी रात चौगुनी की तरह फ़ायदा होता है।
आज हम यहां पीलिया रोग के लिए कुछ ऐसी बेहतर होम्योपैथिक दवाओं के बारे में बात करेंगे जिनके मात्र कुछ दिनों का प्रयोग से शीघ्र लाभ पहुंचता है
चेलिडोनियम मेजस
पीलिया रोग में होम्योपैथी की यह एक असर कारक दवा है। जब किसी व्यक्ति को पीलिया के साथ-साथ लीवर तथा पित्त दोष हो, उसके मुंह का स्वाद खराब तथा रोगी को उसके पेट से संबंधित बीमारी जैसे कब्ज़, भूख न लगना, जी मालिश करना, उल्टी करना आदि के कारण पीलिया हो जाती है, पेट, सिर और आँखों में दर्द के साथ भारीपन, सुस्ती और शारीरिक कमज़ोरी । पीलिया के इस प्रकार के लक्षण रहने पर होम्योपैथिक दवा चेलिडोनियम मेजस काफी उपयोगी है।
सिंकोना या चाइना (Cincona or China)
अधिक दिनों तक शरीर का कीमती रास क्षय होकर कमज़ोरी हो जाता है , आंखे पीली पड़ जाती हैं तथा काफी समय तक बुखार बने रहने से जिगर बढ़ जाता है , पेट में गैस व पेट फूलना , मितली और उलटी होना, तो होम्योपैथिक दवा सिंकोना या चाइना (Cincona or China) का प्रयोग करें
नक्स वोमिका
ऐसे लोग जिनका स्वभाव चिड़चिड़ा होता है और जिन्हें जरा -जरा सी बात में गुस्सा आ जाता है और उन्हें नशे की लत होती है, अधिक दिनों तक शराब का सेवन करने से जिगर की बीमारी हो जाना , पेट से सम्बंधित समस्या जैसे - कब्ज़ और गैस , जी मिचलाना और पेट में भारीपन हो तो पीलिया के साथ इस प्रकार के लक्षण रहने पर होम्योपैथिक दवा नक्स वोमिका का इस्तेमाल करें
कार्डुअस मैरिएनस (Carduus Marianus)
इसमें रोगी को शुरुआत में उल्टियां होती है परंतु कुछ समय बाद उल्टी बंद हो कर त्वचा पर पीलापन जाहिर होने लगता है। रोगी के पित्ताशय की थैली में सूजन होती है। यह पित्त की पथरी के लिए एक बहुत प्रभावी दवा है।
आर्सेनिक एल्बम
जब किसी व्यक्ति में पीलिया का प्रभाव बहुत तेजी के साथ फैल जाए और उसको अत्यधिक बेचैनी के साथ घबराहट, उल्टी होना, और रोगी बार-बार पानी मांगता है तो पीलिया के प्रकार के लक्षण रहने पर आर्सेनिक एल्बम फायदेमंद है।
चियोनैन्थस वर्जिनिका (Chionanthus Virginica)
पैत्तिक दोष तथा पीलिया रोग में अधिकतर होमियोपैथ इस औषधि का इस्तेमाल करते हैं इस औषधि लिवर तथा यकृत की शिराओं पर मुख्य क्रिया होती है यदि किसी व्यक्ति का लिवर अधिक बढ़ जाए उसके साथ कब और मल पतला तथा उसका रंग बिल्कुल कीचड़ के जैसा होता है, पीली पेशाब होना, यकृत में दर्द के साथ कामला व्यक्ति को खाने-पीने की बिल्कुल इच्छा न होना आदि लक्षण इस होम्योपैथिक औषधि के मुख्य लक्षणों में आते हैं और किसी व्यक्ति में इन लक्षणों के रहने पर इस औषधि का प्रयोग किया जा सकता है।
पीलिया होने पर निम्नलिखित बातों का अवश्य ध्यान दें
पीलिया तथा उसके लक्षण
जब यकृत तथा जिगर में गड़बड़ी पैदा होती है तो पीलिया रोग हो जाता है। हमारे शरीर के महत्वपूर्ण पाचन तंत्र अंग यकृत अथवा जिगर में गड़बड़ी होने से हमारे शरीर में उपस्थित पित्त (Bile) पूर्ण रूप से अपने कार्य नहीं कर पाता जिससे पित्त (Bile) से निकलने वाला एक प्रकार का हानिकारक पदार्थ (Serum Bilirubin) खून में अधिक मात्रा में प्रवेश करने लगता है जिससे हमारे त्वचा का रंग पीला तथा उसके साथ आंखे, नाखून, पेशाब का रंग इत्यादि भी पीले हो जाते हैं। पाचन तंत्र तथा लीवर को खाना पचाने के लिए सामान्य से अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे हमारा लीवर धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है। लीवर बड़ा और कड़ा हो जाता है और रोगी धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है।
पीलिया के लिए टॉप होम्योपैथिक दवाएं
आज लगभग पूरे विश्व तथा सभी को यह पता हो गया है कि शरीर के विभिन्न रोगों के लिए होम्योपैथी एक आसान, बेहतर तथा टिकाऊ विकल्प है। पीलिया एक गंभीर रोग है जिसका एलोपैथी में इलाज करने में अधिक समय लग सकता है। इसलिए लोग पीलिया के रोग के इलाज हेतु आयुर्वेदिक उपचार या होम्योपैथी की तरफ रुख करते हैं। पीलिया रोग में होम्योपैथी से बेहतर निदान शयद ही उपलब्ध होगा। इसमें पीलिया के मरीजों को दिन दूनी रात चौगुनी की तरह फ़ायदा होता है।
चेलिडोनियम मेजस
पीलिया रोग में होम्योपैथी की यह एक असर कारक दवा है। जब किसी व्यक्ति को पीलिया के साथ-साथ लीवर तथा पित्त दोष हो, उसके मुंह का स्वाद खराब तथा रोगी को उसके पेट से संबंधित बीमारी जैसे कब्ज़, भूख न लगना, जी मालिश करना, उल्टी करना आदि के कारण पीलिया हो जाती है, पेट, सिर और आँखों में दर्द के साथ भारीपन, सुस्ती और शारीरिक कमज़ोरी । पीलिया के इस प्रकार के लक्षण रहने पर होम्योपैथिक दवा चेलिडोनियम मेजस काफी उपयोगी है।
सिंकोना या चाइना (Cincona or China)
अधिक दिनों तक शरीर का कीमती रास क्षय होकर कमज़ोरी हो जाता है , आंखे पीली पड़ जाती हैं तथा काफी समय तक बुखार बने रहने से जिगर बढ़ जाता है , पेट में गैस व पेट फूलना , मितली और उलटी होना, तो होम्योपैथिक दवा सिंकोना या चाइना (Cincona or China) का प्रयोग करें
नक्स वोमिका
ऐसे लोग जिनका स्वभाव चिड़चिड़ा होता है और जिन्हें जरा -जरा सी बात में गुस्सा आ जाता है और उन्हें नशे की लत होती है, अधिक दिनों तक शराब का सेवन करने से जिगर की बीमारी हो जाना , पेट से सम्बंधित समस्या जैसे - कब्ज़ और गैस , जी मिचलाना और पेट में भारीपन हो तो पीलिया के साथ इस प्रकार के लक्षण रहने पर होम्योपैथिक दवा नक्स वोमिका का इस्तेमाल करें
कार्डुअस मैरिएनस (Carduus Marianus)
इसमें रोगी को शुरुआत में उल्टियां होती है परंतु कुछ समय बाद उल्टी बंद हो कर त्वचा पर पीलापन जाहिर होने लगता है। रोगी के पित्ताशय की थैली में सूजन होती है। यह पित्त की पथरी के लिए एक बहुत प्रभावी दवा है।
आर्सेनिक एल्बम
जब किसी व्यक्ति में पीलिया का प्रभाव बहुत तेजी के साथ फैल जाए और उसको अत्यधिक बेचैनी के साथ घबराहट, उल्टी होना, और रोगी बार-बार पानी मांगता है तो पीलिया के प्रकार के लक्षण रहने पर आर्सेनिक एल्बम फायदेमंद है।
चियोनैन्थस वर्जिनिका (Chionanthus Virginica)
पैत्तिक दोष तथा पीलिया रोग में अधिकतर होमियोपैथ इस औषधि का इस्तेमाल करते हैं इस औषधि लिवर तथा यकृत की शिराओं पर मुख्य क्रिया होती है यदि किसी व्यक्ति का लिवर अधिक बढ़ जाए उसके साथ कब और मल पतला तथा उसका रंग बिल्कुल कीचड़ के जैसा होता है, पीली पेशाब होना, यकृत में दर्द के साथ कामला व्यक्ति को खाने-पीने की बिल्कुल इच्छा न होना आदि लक्षण इस होम्योपैथिक औषधि के मुख्य लक्षणों में आते हैं और किसी व्यक्ति में इन लक्षणों के रहने पर इस औषधि का प्रयोग किया जा सकता है।
पीलिया होने पर निम्नलिखित बातों का अवश्य ध्यान दें
- मिठाईयां , मैदे से बनी चीजें तथा उच्च वसायुक्त चीजों के इस्तेमाल से परहेज करें ।
- तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें ।
- भोजन को भरपेट एक साथ में लेकर थोड़ा-थोड़ा करके दिन में चार-पांच बार में करें ।
- पका हुआ पानी इस्तेमाल करें तथा शुद्ध पानी के इस्तेमाल पर प्राथमिकता दें ।
- हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग करें जो आसानी से कम समय में पचित हो जाए तथा इन सब्जियों को अच्छी तरह से पानी में धुलने के बाद ही इस्तेमाल करें ।
- संतरे, अंगूर, अनार, गन्ना के रस का उपयोग करें ।
- पपीता चीकू खजूर मुसम्मी इत्यादि फल भी लाभदायक हैं और इन फलों को उपयोग करने से पहले अच्छी तरह साफ करके इस्तेमाल करें।
- छाछ का इस्तेमाल कर सकते हैं, छाछ पीना पीलिया रोग में फायदेमंद है।
- मूंग की दाल का सूप बनाकर पिए ।
- धूम्रपान मांस मछली अंडा चाय व काफी के उपयोग से परहेज करें ।
- तेल, घी, मिर्च, मसाला, खटाई तथा तली भुनी चीजें और फास्ट फूड से बचें।
Bottom Line...
पीलिया एक बहुत ही गंभीर रोग है और रोग का इलाज करते समय नजदीकी होम्योपैथ के संपर्क में रहकर ही दवाओं का इस्तेमाल करें, पीलिया रोग में होम्योपैथी से इलाज करने पर जल्द फायदा दिखाई देता है अगर किसी को उपर्युक्त दवाओं के इस्तेमाल के बाद किसी तरीके का कोई लाभ न पहुंच रहा हो और रोगी के लक्षणों में बढ़ोतरी हो रही हो तो होम्योपैथ तथा चिकित्सक से तुरंत परामर्श करें।
अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
Post a Comment