बुढ़ापे में जवान दिखने के लिए करें इन जड़ी बूटियों का प्रयोग - Top anti Aging Ayurvedic Herbs in Hindi
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बुढ़ापा एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो कि हमारी सेल्स, ऊतक और अंगों में बदलाव के कारण होता है। बुढ़ापे का असर धीरे -धीरे हमारे शरीर पर पड़ता है। कभी - कभी जवानी में ही हम असामयिक बूढ़े दिखने लगते हैं। यह हमारे शरीर के समस्त मांसपेशियों , ऊतकों और अंगों के प्रभाव के कारण आता है। आज हम यहां आपको कुछ ऐसी जड़ी बूटियों (Herbs) के बारे में बताने जा रहा हूं जिनके प्रयोग से आपको अपने बुढ़ापे से लड़ने मदद मिलेगी और बुढ़ापे में होने वाली तमाम समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
हमारा भोजन जो हम 40 वर्ष की आयु के बाद लेते हैं वह हमारे बुढ़ापे के लिए बहुत बड़ा कारण होता है इसलिए इसलिए इस आयु के जो भी लोग भोजन लें उसमें थोड़ा सावधानी बरतें। इस आयु के बाद लिया जाने वाला भोजन पौष्टिक और हमारे शरीर की स्थिति के अनुसार होना चाहिए और खानपान का विशेष ध्यान रखें।
बुढ़ापे में जवान दिखने के लिए करें इन जड़ी बूटियों का प्रयोग - Top anti Aging Ayurvedic Herbs in Hindi
आज हम यहां आपको तीन ऐसे हर्ब्स के बारे में बताने जा रहा हूं जो आपको बुढ़ापे से लड़ने में आपकी सहायता कर सकती हैं।
1. जिनसेंग
2. ब्राह्मी
3 जिंको बिलोबा
जिनसेंग
जिनसेंग को एक बेहतरीन मल्टी विटामिन तथा मल्टी मिनरल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। जिनसेंग के प्रयोग से हमारी मांसपेशियां अत्यधिक शक्तिशाली और मजबूत बनती है जो बुढ़ापे में बहुत ही आवश्यक होती है। जिनसेंग, हम हमारी मांसपेशियों के निर्माण के लिए भी सहायक होता है। इसके अलावा जिनसेंग में फाइटोकेमिकल्स भी पाया जाता है जो हमारी त्वचा की कोशिकाओं को उत्तेजित कर और सक्रिय बनाए रखने में मदद करते हैं।
जिनसेंग के प्रयोग से हमारे शरीर में जमा होने वाले हानिकारक और दूषित पदार्थ मल- मूत्र मार्ग द्वारा आसानी से निकल जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में जमा दूषित पदार्थ, हमारे शरीर को कमजोर करने तथा असामाजिक बुढ़ापे के लिए जिम्मेदार होते हैं। अतः इन दूषित पदार्थ और कणों से छुटकारा पाने हेतु जिनसेंग का प्रयोग बहुत ही उपयुक्त होता है। जिनसेंग के प्रयोग से हमारी त्वचा चमकदार और मुलायम बनती है तथा त्वचा में झुर्रियां देर से पढ़ती हैं।
ब्राह्मी
जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है तो याददाश्त (Memory) से सम्बंधित समस्याओं से इनकार नहीं किया जा सकता। जैसा कि हमने पहले ही बताया कि बुढ़ापे को टाल नहीं सकते बल्कि बुढ़ापे में आने वाली समस्याओं से हम लड़ सकते हैं और अधिक उम्र में भी अपनी लाइफ को आसान बना सकते हैं। ब्राह्मी का प्रयोग ब्रेन पावर तथा मस्तिष्क के लिए लाभदायक होता है। अगर किसी को उम्र बढ़ने के साथ-साथ याद्दाश्त से समस्या जैसे- कुछ भी याद नहीं रहना, पहचान करने में दिक्कत होना, नाम भूल जाना आदि हो तो इस आयुर्वैदिक हर्ब का उपयोग आपके लिए चमत्कारी सिद्ध हो सकता है।
ब्राह्मी मस्तिष्क को ताकत देने के अलावा स्वास्थ्य लाभ कारी गुणों से भी परिपूर्ण होता है। यह न केवल मस्तिष्क पर ताजा प्रभाव डालती है बल्कि बुढ़ापे में का भी स्मृति बढ़ाने और मेमोरी लॉस से बचाव का भी काम करती है। युवावस्था में जो बालक पढ़ने में कमजोर है ब्राह्मी उनके लिए भी फायदेमंद है। ब्राह्मी बच्चों और नवयुकों में उनके मस्तिष्क के विकास में सहायक सिद्ध हो सकती है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां उम्र बढ़ने के साथ-साथ संबंधित जो बीमारियां होती हैं उनमें अन्य दवाओं की अपेक्षा ज्यादा सहायक होती है और मस्तिष्क के कार्य के सुधार हेतु अधिक लाभकारी होती हैं और याददाश्त को मजबूत रहती हैं। ब्राह्मी को दीर्घकालिक स्मृति (Long term Memory Loss) और अल्पकालिक स्मृति (Short term Memory Loss) से संबंधित समस्या हेतु निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
जिंको बिलोबा
जिंको बिलोबा एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका वर्षों से एंटी एजिंग उत्पाद तथा स्मृति बढ़ाने के रूप में होता रहा है। जिंको बिलोबा के प्रयोग से उम्र बढ़ने के साथ-साथ फेफड़ों से संबंधित होने वाली बीमारियों से निजात दिलाने में मदद मिलती है। होम्योपैथी में जिंको बिलोबा के अर्क (Ginko Biloba Q) को भी उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारियों के उपचार लिए उपयोग किया जाता है। एक सर्वे के मुताबिक अमेरिका ने जिंको बिलोबा का टॉप टेन एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स (Top 10 Ant aging products ) में इसकी गणना की जाती है।
किसी व्यक्ति द्वारा अधिक दिनों तक जिंको बिलोबा के प्रयोग से निम्नलिखित प्रभाव देखने को मिल सकते हैं
जिंको बिलोबा का प्रयोग -
- आपके रक्त परिसंचरण को अधिक दुरुस्त कर सकता है।
- आपकी स्मृति से संबंधित समस्याओं में सुधार कर सकता है।
- टिटनेस के लक्षणों को कम कर सकता है।
- लंबे समय तक जिंको बिलोबा के प्रयोग से हृदय से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है।
- मस्तिष्क में परिसंचरण और ऑक्सीजन के बहाव को बेहतर कर सकता है।
- जिंको बिलोबा को एक बेहतर एंटीऑक्सीडेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- उम्र बढ़ने के साथ-साथ त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों को कम कर सकता है।
उम्मीद है कि यहां एंटी एजिंग पर दी गई पोस्ट से आपको काफी मदद मिलेगी और बताई गई जड़ी बूटियों के प्रयोग से समस्याओं के निजात हेतु मदद मिलेगी।
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