पसीने की बीमारी का होम्योपैथिक इलाज और दवाएं | Homeopathic Medicine For Excessive Sweating in Hindi
पसीने की बीमारी - Perspiration (Excessive Sweating) in Hindi
Homeopathic Medicine For Perspiration (Excessive Sweating) in Hindi - पसीने की बीमारी, लक्षण एवं कारण, पसीना रोकने का होम्योपैथिक इलाज और दवाएं। ज्यादा पसीना आने की होम्योपैथिक मेडिसिन।
जब किसी कारण जैसे- वर्क -आउट करना या कोई भारी कार्य आदि से आपके शरीर का तापमान सामान्य से बढ़ जाता है तो शरीर में मौजूद Sweet Glands की क्रियाशीलता बढ़ जाती है। स्वीट ग्लैंड्स आपके शरीर के तापमान को सामान्य बनाये रखने के लिए एवं शरीर के पानी को त्वचा के ऊपरी सतह तक लाने का काम करती हैं। इसी पानी को सामान्य बोल-चाल भाषा में पसीना कहा जाता है।
आमतौर मनुष्य के शरीर से पसीना निकलना किसी बीमारी का संकेत नहीं होता है। यदि आपके शरीर से अधिक पसीना आने लगे और आपको इस पसीने से असुविधा होने लगे तो यह एक समस्या बन जाता है। आएये पता करते है कि ज्यादा पसीना निकलने के लक्षण, कारण और होम्योपैथिक दवाइयों से इसे कैसे इलाज किया जा सकता है।
ज्यादा पसीना आने के लक्षण
बार -बार अधिक पसीना निकलना
हाथ की हथेली में चिपचिपापन बना रहना
पैर के तलवे से अधिक पसीना निकलने के कारण चप्पल या जूता गीला हो जाना
अधिक पसीना निकलने से कपड़े गीले बने रहना एवं कपड़ों में धब्बे बनना।
अधिक पसीना आने से शरीर में दुर्गंध पैदा हो जाना
ज्यादा पसीना निकलने (हाइपरहाइड्रोसिस) के कारण
हार्मोंन असंतुलन पैदा होना (हार्मोंनल इम्बैलेंस)
थाइरोइड (thyroid issues) में गड़बड़ी होना
गर्भावस्था के कारण हार्मोंनल बदलाव होना
अधिक तनाव होना
नमक और अल्कोहल का अधिक सेवन करना
धूम्र-पान करना
अधिक मिर्च मसालेदार भोजन करना
चाय,काफी और कैफीन का अधिक सेवन करना
ज्यादा पसीना आने का होम्योपैथिक इलाज - Homeopathic Medicine For Perspiration Hindi
जब किसी व्यक्ति के केवल सिर पर पसीना आए। शरीर के सिर्फ एक भाग पर ठंडा पसीना और पसीने का स्वाद खट्टा हो तो इसके लिए होम्योपैथिक दवा - (कैल्केरिया कार्ब 30 या 200) का प्रयोग करें।
पसीना इतना निकलता है कि पसीने के कारण सारा सिर, माथा, गला, मुंह सब भीग जाते हैं। पसीना बहुत बदबूदार जो पांव में घाव तक कर देता है – (साइलिशिया 30 या 200) का इस्तेमाल करें।
यदि किसी को सिर को छोड़कर बाकी सारे शरीर पर पसीना – होम्योपैथिक दवा (रस टॉक्स 30) लें।
बगलों में बहुत दुर्गन्धित पसीना आए – होम्योपैथिक दवा (पेट्रोलियम 30) का प्रयोग किया जा सकता है
बहुत कमजोरी से या घातक रोग के बाद ज्यादा पसीना आए – होम्योपैथिक मेडिसिन (चाइना 30) को दिन में 4 बार प्रयोग करें।
यदि किसी रोगी को आंख बंद करते हीं या सोते ही पसीना आए, तो इस प्रकार के लक्षण के लिए होम्योपैथिक औषधि (कोनियम 30 या 200) को प्रयोग में लिया जा सकता है।
किसी व्यक्ति को उसके शरीर के बिना ढके हिस्से पर पसीना आए – (थूजा 30)
शरीर को अत्यंत कमजोर कर देने वाला पसीना – (फॉस्फोरस 30)
संगीत का आनंद लेते समय ज्यादा पसीना आना – (टैरेन्टूला 30)
नींद से जागते ही पसीना आए – (सैम्बुकस 30)
टायफाइड आदि रोगों के बाद दिन-रात पसीना आए। जरा सा हिलने-डुलने से पसीना बढ़े – (सोराइनम 200)
रोगी जिस करवट लेटे उसकी दूसरी ओर पसीना आए – (एसिड बेन्जोइक 30)
पसीने से कपड़े पर पीला दाग पड़े – (कार्बो एनिमेलिस 30)
सारे शरीर में बेहद पसीना, खास कर जननांगों में – (एसिड फॉस Q, या 6)
चलते समय बहुत पसीना आए। खाते समय ठंडा पसीना आए – (मर्क सॉल 30)
श्लेष्मिक झिल्लियों की बेहद खुश्की की वजह से आंख, नाक, जीभ, मुंह, गला, व होंठ खुश्क व सूखे हुए। पसीना बिल्कुल न आए – (नक्स मौस्केटा 6 या 30)
किसी व्यक्ति के शरीर का पसीना रुक जाने से अत्यधिक समस्या पैदा हो जाये। उसक व्यक्ति के मल में खून आने लगे – (नक्स वोमिका 30)
पसीना रुक जाने से जुकाम या बुखार होने पर – (एकोनाइट 30)
जब कोई व्यक्ति पसीने की अवस्था में भीग जाए जिससे उसे सर्द-गर्म हो कर खांसी, जुकाम, या बुखार हो जाये – (रस टॉक्स 30 या 200)
पसीने के लिए होम्योपैथिक दवाओं की सेवन विधि (Doses)
पसीने से छुटकारा पाने के लिए उपर्युक्त बताई गयी दवाओं का सेवन आवश्यकता अनुसार दिन में 2 या 3 बार किया जा सकता है। यदि दवा की पोटेंसी 30 है तो इसे दिन में 3 से 4 बार ले सकते है। यदि दवा की पोटेंसी 200 है तो इसे हफ्ते में 1 से 2 बार ही लें।
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