ऐसिड क्राइसो | ऐसिड क्राइसोफेनिक | Acid Chrysophanic 30, 200, 1M & 10 M Uses in Hindi - Saralpathy

ऐसिड क्राइसो | ऐसिड क्राइसोफेनिक | Acid Chrysophanic 30, 200, 1M & 10 M Uses in Hindi

Acid Chryso Uses in Hindi - दाद, सोरायसिस, हर्पिस (भैंसा-दाद), मुँहासे, एकजिमा (अकौता), सूखी और तर खुजली आदि चर्म रोगों में इस दवा से फायदा होता है।
Acid Chrysophanic 30, 200, 1M & 10 M Uses in Hindi- दाद, सोरायसिस, हर्पिस (भैंसा-दाद), मुँहासे, एकजिमा (अकौता), खुजलाहट, सूखी और तर खुजली में ऐसिड क्राइसो होमियोपैथी दवा से फायदा होता है।

ऐसिड क्राइसोफेनिक (Acid Chrysophanic)

होमियोपैथी में यह दवा यद्यपि बहुत कम चलती है, तथापि - दाद, सोरायसिस ( विचर्चिका, चम्बल - रोग ), हर्पिस (भैंसा-दाद, छाजन ), एकनि रोजेसिया ( मुँहासे ), निम्नाङ्गका एकजिमा ( अकौता ) — उसमें बेतरह खुजलाहट, बहुत ज्यादा बदबूदार स्राव होना इत्यादि कितनी ही बीमारियों और लक्षणों में इसका व्यवहार होता है। यह दाद की एक प्रधान ऐलोपैथिक दवा है और दाद की जितनी भी पेटेण्ट दवाएँ हैं, प्रायः सब में रहती है।


दाद, सूखी और तर खुजली - 

हैनिमैन ने सभी तरह के चर्म रोगों में कोई बाहरी मरहम वगैरह – लगानेका निषेध किया है; क्योंकि उससे दानों का रस निकलना एकाएक बन्द हो जाता है और रोग का विष भीतर की ओर जाकर और भी गहरी हानि पहुँचाता है - कितनी ही नयी-नयी बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं, रोग क्रमशः जटिल और दुरारोग्य हो जाता है और रोगी रोग भोगते भोगते अन्त में मर जाता है। इसलिये खुजली आदिके रोगी को मैं सिर्फ भीतरी दवा देनेके सिवा कभी बाहरी मरहम वगैरह लगाने की व्यवस्था नहीं देता ; परन्तु प्रदाह, यंत्रणा, खुजलाहट आदि को दूर करने के लिये नीम के पत्तों को गाय के धी में अच्छी तरह भूनकर जब वह घी काला हो जाये तब नीम का घी, वैसलिन, शुद्ध ग्लिसरिन आदिका बहुधा प्रयोग किया करता हूँ। यह रोग आरोग्य होने में अकसर देर होती है। १ पाउण्ड वैसलिन; ऐसिड सेलिसाइलिक क्रूड – २ तोला, ऐसिड बोरिक २ तोला – यह अकौता व दाद की उत्कृष्ट बाहरी प्रयोग की दवा है


यदि कोई खुजली का रोगी जल्दी आराम होने के लिये घबड़ा उठे और चिकित्सक को भी तंग कर डाले, तो - शुद्ध क्राइसोफैनिक ऐसिड क्रूड - २०-२५ ग्रेन, एक आउन्स उपर्युक्त नीम का घी, ग्लिसरिन, वैसलिन, ओलिव ऑयल ( न मिले तो नारियल के तेलके साथ ) मिलाकर लगाने से ५-७ दिनमें ही अकसर खुजली का घाव सूख जाता है

क्रम – ३, ६ शक्ति; आभ्यन्तरिक सेवन करना चाहिये । 


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